उत्तर प्रदेश में बुधवार को अचानक बदले मौसम ने कहर बरपा दिया. तेज आँधी, तूफान और आकाशीय बिजली की चपेट में आकर प्रदेश के कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है. राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 10 अप्रैल को राज्य में 22 लोगों की मौत हुई, जबकि 45 पशुओं की भी जान चली गई, वहीं 15 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आपदा में मारे गए लोगों के प्रति गहरा शोक जताया है. उन्होंने पीड़ित परिवारों को अनुमन्य 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि तत्काल वितरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने और पशुहानि पर भी सरकारी नियमों के अनुसार सहायता पहुंचाने के आदेश दिए हैं.

फतेहपुर और आजमगढ़ में 3-3 लोगों की मौत

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, आकाशीय बिजली गिरने से सबसे ज्यादा जानें फतेहपुर और आजमगढ़ में गईं, जहां 3-3 लोगों की मौत हुई. फिरोजाबाद, कानपुर देहात और सीतापुर में 2-2 जबकि गाजीपुर, गौंडा, अमेठी, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर में 1-1 व्यक्ति की मौत दर्ज की गई. वहीं तेज आंधी-तूफान से बलिया, कन्नौज, बाराबंकी, जौनपुर और उन्नाव जिलों में भी एक-एक व्यक्ति की जान गई.

गाजीपुर में सबसे ज्यादा 17 पशुओं की मौत

पशुहानि की बात करें तो गाजीपुर में सबसे ज्यादा 17 पशुओं की मौत हुई. इसके अलावा चंदौली में 6, बलिया में 5, अम्बेडकरनगर, बलरामपुर और गौंडा में 3-3, सुल्तानपुर में 2 और अमेठी, कन्नौज, गोरखपुर में 1-1 पशु हानि हुई है. फतेहपुर में आग लगने से 3 पशु मरे हैं.

गाजीपुर, सुल्तानपुर और लखीमपुर खीरी में 2-2 मकानों को नुकसान 

इसके अलावा मकान क्षति की घटनाएं भी कई जिलों से सामने आई हैं. गाजीपुर, सुल्तानपुर और लखीमपुर खीरी में 2-2 मकानों को नुकसान हुआ है. बलिया, गोंडा, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, गोरखपुर, औरैया, हरदोई, लखनऊ और मऊ में 1-1 मकान को आंशिक या पूर्ण क्षति पहुंची है.

पीड़ितों को राहत पहुँचाने में कोई ढिलाई न बरती जाए

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हर साल अप्रैल से जून के बीच मौसम का मिजाज अचानक बदलता है. इस दौरान आकाशीय बिजली और तूफान से जान-माल के नुकसान की घटनाएं आम होती हैं. सरकार ने इस संबंध में आपदा राहत मुआवजे के नियम भी तय कर रखे हैं. जिसमें बड़े दुधारू पशु के नुकसान पर 37,500 रुपये, छोटे दुधारू पशु पर 4,000 रुपये, बड़े गैर-दुधारू पर 32,000 रुपये और छोटे गैर-दुधारू पशु पर 20,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़ितों को राहत पहुँचाने में कोई ढिलाई न बरती जाए और हर जरूरतमंद तक सहायता जल्द से जल्द पहुँचे.

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